गरियाबंद-जिला प्रशासन के महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जिला बाल संरक्षण विभाग के सतर्कता से देवभोग विकासखण्ड में बाल विवाह रोका गया है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि दूरभाष से प्राप्त सूचना के आधार पर थाना देवभोग अंतर्गत ग्राम-माडागांव में बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी। सूचना प्राप्त होते ही संयुक्त टीम द्वारा तत्काल बाल विवाह स्थल पर पहुंच कर बालिका (वधु) की आयु संबंधी दस्तावेज एवं उनके माता-पिता से जानकारी ली गई। अंकसूची के आधार पर बालिका की आयु 15 वर्ष 05 माह होना पाया गया। जबकि विवाह के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना चाहिये।
निर्धारित आयु से कम आयु में महिला एवं पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये तक जुर्माना हो सकता है अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। अग्रिम कार्यवाही करते हुऐ बालिका एवं उसके माता पिता तथा परिवार वालों को बालिका की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् ही विवाह करने की समझाईश दी गई।
उनके माता-पिता को बाल कल्याण समिति में लिखित शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए विवाह की निर्धारित आयु तक बालिका का विवाह नहीं करने कहा गया। कार्यवाही में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जगरानी एक्का के मार्गदर्शन व जिला बाल संरक्षण अधिकारी- अनिल दिवेदी के निगरानी में फणीन्द्र कमार जायसवाल संरक्षण अधिकारी (संस्थागत देखरेख), अजीत कुमार शुक्ला (आउटरीचवर्कर), सेक्टर पर्यवेक्षक झाखरपारा, देवभोग व थाना देवभोग से 02 आरक्षक सहित संयुक्त टीम शामिल थे।