रायपुर-छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृृत्व में सरकार बनने के बाद माह जनवरी से अक्टूबर तक 10 माह में प्रदेश में 5 लाख 41 हजार 259 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख 10 हजार 117 लोगों को शासकीय सेवा के क्षेत्र में 20 हजार 502 लोगों को और उद्योगों में 10 हजार 640 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना प्रारंभ की गई है। जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के बीच उद्यमियता के विकास के साथ रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर दिलाने के लिए राज्य में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें से ग्रामीण क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य आजीविका मिशन के तहत लगभग 2 लाख 29 हजार 374 महिलाओं को रोजगार मिला है।
राज्य सरकार द्वारा शासकीय उपयोग के वस्त्रों की खरीदी प्रदेश के राज्य बुनकर सहकारी संघ के माध्यम से की जा रही हैं। इस फैसले से प्रदेश में लगभग 51 हजार बुनकरों को रोजगार मिला है। छत्तीसगढ़ में लगभग 32 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी लोगों की है। इनकी आजीविका और रोजगार वनों पर निर्भर है। लघु वनोपजों के संग्रह में लगे आदिवासी महिलाओं समूहों के माध्यम से भी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला है। राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से लघु वनोपजों की खरीदी 3500 महिला समूहों के माध्यम से 821 हाट बाजारों में की जा रही है। इसके माध्यम से लगभग 42 हजार महिलाओं को रोजगार मिला है।
गणवेश तैयार करने के काम में प्रदेश के लगभग 900 महिला समूह कार्यरत हैं। स्कूल के विद्यार्थियों के गणवेश तैयार करने में लगभग नौ हजार महिलाओं को रोजगार मिला है। वनोत्पादों के माध्यम से लगभग 35 हजार वनवासियों को गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के काम में लगभग पांच हजार ग्रामीणों को, माहुल पत्ता, कपड़े और जूट से पत्तल और प्लेट तैयार करने के काम में लगभग पांच हजार बांस से ट्री-गार्ड और टोकरी तैयार करने में लगभग पांच हजार लोगों को रोजगार मिला है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत खेती-किसानी संबंधी गतिविधियों आर्गेनिक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) आर्गेनिक औषधियां के क्षेत्र में लगभग 61 हजार 991 लोगों को, गैर कृषि क्षेत्र में 22 हजार 762 लोगों को रोजगार मिला है।
इसी प्रकार नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के तहत बनाएं गए क्रियाशील गौठानों में महिला समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट और चारा उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक गौठान में 14 से 15 महिला कार्यरत हैं। गौठानों में लगभग 27 हजार 990 महिलाओं को इसी प्रकार महिला और बाल विकास विभाग के सुपोषण अभियान के कार्यो में लगभग 16 हजार महिलाओं को रोजगार के अवसर मिल रहें हैं। इन महिलाओं को 2750 रूपए प्रतिमाह आमदनी हो रही है। इस प्रकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में पिछले 10 माह में पांच लाख 10 हजार 117 लोगों को रोजगार मिला।
इसी प्रकार शासकीय क्षेत्र में लगभग 20 हजार 502 लोगों को नौकरी मिली है। पिछले 10 माह में स्कूलों में 5441 शिक्षकों, 4000 सहायक शिक्षकों, 2767 व्याख्याताओं, विज्ञान प्रयोगशाला में 1200 सहायक शिक्षकों, 410 अंग्रेजी व्याख्याता, 306 अंग्रजी माध्यम के सहायक शिक्षकों के साथ अन्य पदों पर 1420 लोगों की भर्ती की गयी है। पुलिस विभाग में 3682 कॉन्सटेबल के पदों पर भर्ती की जा रही है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा के माध्यम से 503 पदों पर भर्ती की गई तथा 1972 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में 250 पटवारियों, स्वास्थ्य विभाग 228 लेब टेक्निशियन, उच्च न्यायालय में हेल्पर ग्रेड-3 और कम्प्यूटर ऑपरेटर के 177 पदों तथा लोक निर्माण विभाग में 118 सब इंजीनियर (सिविल) की भर्ती की गई है।
उद्योगों के माध्यम से पिछले 10 माह में लगभग 10 हजार 640 लोगों को रोजगार के अवसर मिलें हैं। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को दी जा रही सुविधाओं और प्रोत्साहन से पूरे देश में आर्थिक मंदी के माहौल के बीच छत्तीसगढ़ में उद्योगों और इससे जुड़े क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। पिछले 10 माह में अल्ट्रा-मेगा उद्योगों की 2 यूनिट स्थापित की गई है, जिनमें 411 लोगों को प्रबंधन के क्षेत्र में, 1520 कुशल श्रमिकों तथा 948 अकुशल श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिले। इस अवधि में एक मेगा उद्योग की स्थापना हुई जिसमें 170 लोगों को प्रबंधन में, 551 कुशल श्रमिकों तथा 194 अकुशल श्रमिकों और सात बड़े उद्योगों स्थापना में 73 लोगों को प्रबंधन, 192 कुशल श्रमिकों और 374 अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिला। इसके अलावा मध्यम श्रेणी के 17 उद्योग स्थापित हुए, जिनमें 94 लोगों को प्रबंधन, 251 कुशल श्रमिकों और 431 अकुशल श्रमिकों इसी प्रकार 274 छोटे उद्योग की स्थापना हुई जिसमें 570 लोगों प्रबंधन में, 1138 कुशल श्रमिकों और 2146 अकुशल श्रमिकों, इसी अवधि में स्थापित किए गए 215 सूक्ष्म उद्योगों में 248 लोगों को प्रबंधन, 493 कुशल श्रमिकों और 836 अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिला।