रायपुर-राज्य शासन के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के द्वारा छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 के तहत यह पंजीकृत हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके पदेन अध्यक्ष होंगे वहीं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश कुमार पटेल पदेन उपाध्यक्ष होंगे। शासन के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के पदेन सदस्य बनाए गए हैं। मुख्य सचिव प्राधिकरण के पदेन संयोजक और अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव गृह विभाग, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, सचिव खेल एवं युवा कल्याण, सचिव उच्च शिक्षा, सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, आयुक्त/संचालक खेल एवं युवा कल्याण इसके पदेन सदस्य होंगे। इसका प्रधान कार्यालय संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम जीई रोड रायपुर निर्धारित किया गया है।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में खेल सुविधाओं के विस्तार के साथ ही खिलाड़ियों को बेहतर खेल अधोसंरचना मुहैया कराने के लिए राज्य में खेल विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी, जिसके फलस्वरूप यह खेल विकास प्राधिकरण बनाया गया है। इस प्राधिकरण के गठन का मुख्य उद्देश्य खेल के क्षेत्र में नितिगत निर्णय, खेल से जुड़े विभागों से समन्वय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के संबंध में निर्णय के साथ ही भारत सरकार की खेल विकास योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त करना है।
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इसके अलावा अन्य वैधानिक तरीकों से प्राप्त सहयोग के माध्यम से खेल अधोसंरचनाओं का विकास, शिक्षा एवं खेलों में समन्वय स्थापित करते हुए खेलों के लिए आवश्यक संसाधनों का सृजन करना, खेल उत्कृष्ठता केन्द्र एवं खेल विद्यालयों का क्रियान्वयन करना तथा खेल संस्थाओं एवं खिलाड़ियों को सहयोग प्रदान करना है।
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खेल विकास प्राधिकरण नवीन खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण की कार्ययोजना बनाने के साथ ही सृजित सम्पत्तियों का संधारण, उनके संरक्षण और अधिकतम उपयोग की कार्ययोजना बनाकर इसका क्रियान्वयन करेगा। प्राधिकरण कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (ब्ैत्) एवं अन्य क्षेत्रों से प्राप्त वित्त का खेल क्षेत्र के विकास में उपयोग करेगा। अन्य विभागों की खेल अधोसंरचनाओं का हस्तांतरण प्राप्त कर उनका उपयोग एवं प्रदेश की खेल नीति को दृष्टिगत रखते हुए खेलों के विकास हेतु अन्य आवश्यक कार्य सम्पन्न करेगा। सोसायटी के कामकाज का प्रबंध, सोसायटी के विनियमों द्वारा गर्वनर, परिषद, संचालकों, समिति या शासकीय निकाय को सौंपा गया हैं।
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