आज केंद्रीय रिज़र्व पुलिस का शौर्य दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सहित तमाम लोगों ने बल के साहस और कर्तव्य परायणता को याद किया.आज के ही दिन अप्रैल 1965 में पाकिस्तानी सीमा से लगे हुए भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तान सेना ने डेज़र्ट हॉक ऑपरेशन चलाया था।
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पाकिस्तान सीमा से लगे गुजरात के कच्छ क्षेत्र में सरदार एवं टॉक पोस्टों पर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की द्वितीय वाहिनी के दो कम्पनियां तैनात थी। 9 अप्रैल 1965 को सुबह 3.30 बजे पाकिस्तान की एक पूरी इन्फेन्ट्री ब्रिगेड ने सरदार व टॉक चौकियों पर हमला कर दिया था। 12 घंटे तक यह भीषण समर चलता रहा और सीआरपीएफ के जवानों ने विशाल ब्रिगेड की का डट कर मुकाबला कर उसे भारत की सीमा से वापस खदेड़ दिया। इस युद्ध में सीआरपीएफ के जवानों ने पाकिस्तानी सेना के 34 जवानों को मार गिराया व 4 को जिंदा गिरफ्तार किया। इस युद्ध में सीआरपीएफ के 6 जवानों ने निडरता से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और इतिहास में अमर हुए।
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यह दुनिया के इतिहास में हुए अनेक युद्धों में से एकमात्र ऐसा युद्ध था जिसमें पुलिसबल की एक छोटी सी टुकड़ी ने दुश्मन की विशाल ब्रिगेड को घुटने टेक वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। सीआरपीएफ के जवानों द्वारा दिखाई गई इस बहादुरी को हमेशा याद करने के लिए 9 अप्रैल का दिन शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है
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