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6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों में अभियान के तौर पर 50,000 करोड़ रुपये की परियोजना

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प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बड़े पैमाने पर रोजगार और ग्रामीण सार्वजनिक कार्यों से संबंधित ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों में अभियान के तौर पर 50,000 करोड़ रुपये की परियोजना का शुभारम्भ किया।

इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी से प्रभावित बड़ी संख्या में घर वापस लौटने वाले प्रवासी कामगारों को सशक्त बनाना और अपने क्षेत्रों/गांवों में आजीविका के अवसर मुहैया कराना है। 20 जून (शनिवार) को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्राम तेलीहर, विकासखंड बेलदौर, जिला खगड़िया, बिहार से शुरू किए गए इस अभियान में 6 भागीदार राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों, विभिन्न केन्द्रीय मंत्रियों और अन्य ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने बिहार के खगड़िया जिले में तेलीहर के ग्रामीणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया, जहां औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना का शुभारम्भ किया गया। प्रधानमंत्री ने प्रवासियों से उनके रोजगार की वर्तमान स्थिति और लॉकडाउन के दौरान शुरू की गईं विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की उपलब्धता के बारे में पूछा।

सांकेतिक फोटो

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संवाद के बाद संतुष्टि जाहिर की और संकेत दिए कि कैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में ग्रामीण भारत मजबूती के साथ खड़ा रहा तथा कैसे इस संकट के दौर में पूरे देश और दुनिया को प्रेरणा दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों और प्रवासियों के कल्याण को लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकारें दोनों ही चिंतित रही हैं।पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत आत्म निर्भर भारत अभियान को 1.75 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के साथ शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें घर लौटने के इच्छुक प्रवासी कामगारों के लिए विशेष श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इस दिन को रोजगार के माध्यम से गरीबों के कल्याण के लिए शुरू किए गए व्यापक अभियान के रूप ऐतिहासिक दिन करार दिया। यह अभियान हमारे मजदूर भाइयों और बहिनों, हमारे गांवों में रह रहे युवाओं, बहिनों और बेटियों के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, इस अभियान के माध्यम से हमारा प्रयास है कि मजदूरों और कामगारों को उनके घर के निकट ही काम दिया जाए।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांवों में रोजगार, विविध कार्यों के विकास के लिए 25 कार्य क्षेत्रों की पहचान की गई है। ये 25 कार्य या परियोजनाएं गरीबों के लिए ग्रामीण आवास, पौधारोपण, जल जीवन मिशन के माध्यम से पेयजल के प्रावधान, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, ग्रामीण मंडी, ग्रामीण सड़कें, मवेशी घर जैसे अन्य बुनियादी ढांचे, आंगनवाड़ी भवन आदि से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। उन्होंने कहा कि युवाओं और बच्चों की सहायता के लिए हर ग्रामीण घर को हाई स्पीड और सस्ता इंटरनेट बड़ी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह पहली बार है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा इंटरनेट उपयोग हो रहा है। इसलिए, फाइबर केबल बिछाने और इंटरनेट उपलब्ध कराने को भी इस अभियान में शामिल किया गया है। ये कार्य अपने गांव और अपने परिवार के साथ रहते हुए किए जाएंगे।

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सांकेतिक फोटो

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों को बाजार से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जा रहा है और सरकार ने कोल्ड स्टोरेज आदि जैसे लिंकेज के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये का निवेश उपलब्ध कराया है। 125 दिन का यह अभियान मिशन के रूप में काम करेगा, इसमें 116 जिलों में 25 श्रेणी के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर ध्यान केन्द्रित होगा, इसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा में लौटने वाले प्रवासी कामगारों पर ज्यादा जोर होगा। इस अभियान के दौरान कराए गए सार्वजनिक कार्यों के लिए 50,000 करोड़ रुपये के संसाधन निर्धारित होंगे।

यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकृत ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार और कृषि का मिला-जुला प्रयास है। इसके माध्यम से 25 सार्वजनिक आधारभूत ढांचागत कार्य और आजीविका के अवसर बढ़ाने से संबंधित कार्यों का कार्यान्वयन किया जाएगा। इस पहल के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं :

  • वापस लौटने वाले कामगारों और प्रभावित ग्रामीण कामगारों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना।
  • गांवों में सार्वजनिक आधारभूत ढांचे का विस्तार और सड़क, आवास, आंगनवाड़ी, पंचायत भवन, विभिन्न आजीविका संपदाएं और सामुदायिक भवन आदि आजीविका के अवसर तैयार करना।
  • विविध प्रकार के कार्यों के समूह से सुनिश्चित होगा कि हर प्रवासी कामगार को आने वाले 125 दिन में उसके कौशल के आधार पर रोजगार के अवसर मिले। यह कार्यक्रम दीर्घावधि में आजीविका के विस्तार और विकास के लिए भी तैयार होगा।

ग्रामीण विकास मंत्रालय इस अभियान के लिए नोडल मंत्रालय है और अभियान को राज्य सरकारों के साथ सामंजस्य में लागू किया जाएगा। संयुक्त सचिव और इससे ऊपर की रैंक के केन्द्रीय नोडल अधिकारियों को चिह्नित जिलों में विभिन्न योजना के प्रभावी और समयबद्ध कार्यान्वयन की नियुक्त किया जाएगा।

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