डीजीपी ने कहा कि पकड़े गए आरोपी ने स्वीकार किया है कि वे शामिल थे और यह तीनों किसी तरह इस मामले से जुड़े है

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह, हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या पर प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उन्होंने (गुजरात एटीएस द्वारा हिरासत में लिए गए आरोपी) स्वीकार किया है कि वे शामिल थे और यह तीनों किसी तरह से मामले से जुड़े हैं.ज्ञात हो कि लखनऊ में शुक्रवार को दिन दहाड़े हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी. नाका थाना क्षेत्र इलाके में हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी पर गोलियां दागी गई थीं. वारदात को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गए. बताया जा रहा है कि भगवा कपड़े पहने दो हमलावर हाथ में मिठाई के डिब्बा लेकर कार्यालय में घुसे थे

घटना के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी हत्याकांड  में प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक (DGP)  रिपोर्ट मांगी है.लखनऊ पुलिस ने बिजनौर के दो मौलानाओं के खिलाफ तिवारी की पत्नी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है उसने अपनी शिकायत में कहा है कि इन दोनों ने 2016 में अपने पति को मारने की धमकी दी थी.

इस घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) एसके भगत (आईजी लखनऊ), दिनेश पुरी (एसपी क्राइम लखनऊ) और पीके मिश्रा (डिप्टी एसपी स्पेशल टास्क फोर्स) एसआईटी इसके सदस्य हैं.यूपी डीजीपी ने बताया कि मृतकों को गोली मारने से पहले हिंदू समाज पार्टी के प्रमुख कमलेश तिवारी के साथ आधे घंटे से अधिक समय बिताया

सीतापुर के कमलेश तिवारी के परिवार के सदस्यों की कल लखनऊ में उनके कार्यालय में गोली लगने से मौत हो गई। तिवारी के नश्वर अवशेष महमूदाबाद में उनके निवास स्थान पर पहुंच गए हैं। कमलेश तिवारी के परिवार वालों का कहना है कि वे तब तक उनके शरीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें दर्शन नहीं देते। पत्नी कहती है कि “मैं आत्मदाह करूँगी।”मृतक हिंदू वादी नेता कमलेश तिवारी की मां ने कहा कि हम लगातार सुरक्षा बढ़ाने की मांग करते रहे, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के बजाये सुरक्षा घटा दी. उन्होंने कहा मेरे बेटे कमलेश की हत्या को लिए शासन और प्रशासन दोनों जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा होती तो ये न होता.