दिल्ली-आयकर विभाग ने 16 अक्टूबर, 2019 को आयकर विभाग अधिनियम 1961 के तहत आंध्रप्रदेश के वरदइयापलेम में विभिन्न आवासीय परिसरों में पूरे साल ‘वेलनेस’ पाठ्यक्रम और दर्शनशास्त्र, अध्यात्म इत्यादि में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने वाले एक समूह के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया। आयकर विभाग का चेन्नई और बेंगलुरू में भी तलाशी अभियान चलाया गया।
1980 में एकात्मकता के दर्शन के साथ एक आध्यात्मिक गुरु द्वारा स्थापित समूह अब रियल एस्टेट, निर्माण, खेल इत्यादि क्षेत्रों में भारत सहित विदेशों में भी कार्ररत है। इस समूह का प्रबंधन और नियंत्रण इस समूह के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु और उनके बेटे के अधीन है। अध्यात्म और सेहत से जुड़े इन पाठ्यक्रमों में विदेशी लोग शामिल होते हैं, जिससे यह समूह बहुत अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करता है। समूह को लेकर यह खुफिया जानकारी मिली थी कि समूह आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू में भू-संपत्ति और विदेशी निवेश की जानकारियां छिपाता है। इस जानकारी के आधार पर आयकर विभाग का चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरू, वरदइयापलेम में 40 ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 और उससे आगे समूह के पास 409 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय होती रही है। तलाशी अभियान के दौरान आयकर विभाग की टीम को समूह के संस्थापक और उसके बेटे के आवासों और उनके एक परिसर से बड़ी मात्रा में नकद राशि और अन्य मूल्यवान वस्तुएं मिली हैं। तलाशी में समूह के ठिकानों से आयकर विभाग ने 43.9 करोड़ रुपये बरामद किये हैं।
तलाशी अभियान के दौरान नकद राशि के साथ-साथ आयकर विभाग को 2.5 मिलियन डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्राएं बरामद हुईं जो लगभग 18 करोड़ रुपये के बराबर है। तलाशी में 26 करोड़ से ज्यादा मूल्य के लगभग 88 किलोग्राम सोने के गहने बरामद हुए। लगभग 5 करोड़ रुपये के 1271 कैरेट के हीरे भी बरामद किये गये। अब तक लगभग 93 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति बरामद की गई। समूह की अब तक की अनुमानित आय 500 करोड़ रुपये से अधिक है। तलाशी अभियान अब भी जारी है।