मद्रास उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि पुलिस को किसी प्रदर्शन या आंदोलन पर रोक लगाने का अधिकार है। चेन्नई पुलिस ने पिछले महीने की 28 तारीख से 15 दिन के लिए जुलूस निकालने या मानव श्रृखंला बनाने पर नियमन के लिए आदेश जारी किया था। इसके अनुसार लोगों को प्रदर्शन के लिए पांच दिन पहले अनुमति लेना आवश्यक कर दिया गया था।
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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के लिए एक आन्दोलन कारी ने पुलिस के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। कल सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राजामणिकम ने उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का निरंकुश अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था बनाये रखना पुलिस का कर्तव्य है। इस मामले में कल आगे सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय ने पुलिस से जवाब दाखिल करने को कहा है।
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