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जीवन में बहुत परेशानी देखी, अब लगता है आने वाले दिन सुकून से बितेंगे – बालकदास

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उज्जैन-जीवन में बहुत परेशानी देखी, अब लगता है आने वाले दिन सुकून से बितेंगे उक्त बाते बालकदास ने तब कही जब उसके नाम से मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का पात्रता पर्ची मिला.उम्र के जिस पड़ाव पर पहुंचने के बाद जब ज्यादातर लोग अपने घरों में बैठकर आराम करते हैं या अपनी आध्यात्मिक उन्नति में लग जाते हैं, उस पड़ाव में गांव पिपलौदा द्वारकाधीश में रहने वाले 62 वर्षीय बालकदास को पांच महीने पहले मजबूरी में मजदूरी करना पड़ी थी। इसकी मुख्य वजह थी दो वक्त की रोटी जुटा पाना, क्योंकि भूखे पेट तो भगवान के भजन भी कहां होते हैं।

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बालकदास के संयुक्त परिवार में 12 लोग रहते हैं। इतने बड़े परिवार में कमाने वाले केवल बालकदास और उनके दो लड़के ही हैं। उनके लड़के शहर में दुकानों पर छोटा-मोटा काम करते थे। पहले उनकी आमदनी में जैसे-तैसे घर चल जाता था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण लड़कों का शहर में काम ठप पड़ गया था। कहते हैं कि पेट की भूख व लाचारी जो न कराये वह कम है। बस यही लाचारी बालकदास और उनके परिवार की थी।

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जब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो बालकदास के लड़कों को आसपास के गांव में छोटा-मोटा काम मिलने लगा था लेकिन उससे इतनी आय नहीं हो पा रही थी कि घर का गुजारा हो सके। इसलिये मजबूरन बालकदास को भी काम के लिये घर से बाहर निकलना पड़ा। बालकदास और उनके दोनों लड़के मजदूरी कर घर का राशन जुटा तो रहे थे, लेकिन बाजार से राशन खरीदना उस समय काफी महंगा पड़ रहा था।

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हर सुबह जब बालकदास घर से काम के लिये निकलते थे तो उन्हें यही चिन्ता लगी रहती थी कि जब तक उनका शरीर साथ दे रहा है, तब तक तो ठीक है, लेकिन जिस समय भी वे अस्वस्थ हो गये, तब घर कैसे चलेगा। एक दिन बालकदास को ग्राम पंचायत कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के बारे में पता चला। उन्होंने तुरन्त इसके लिये आवेदन दिया और कुछ दिन के बाद शहर में आयोजित कार्यक्रम में बालकदास को पात्रता पर्ची का वितरण कर दिया गया। अब इस योजना के तहत बालकदास के परिवार के प्रति सदस्य को पांच-पांच किलो गेहूं व चावल, एक किलो नमक व डेढ़ किलो केरोसीन उपलब्ध करवाया जा रहा है।

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इससे बालकदास और उनके परिवार को काफी राहत मिली है। बालकदास खाद्य विभाग और शासन को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने बताया कि जीवन में अब तक उन्होंने बहुत परेशानी और दु:ख देखे हैं लेकिन अब लगता है कि आने वाले दिन सुकून से बितेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनके जीवन की मुख्य समस्या को दूर कर दिया है।

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