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सिकासेर जलाशय से व्यर्थ बह जाने वाले पानी से बागबाहरा व महासमुन्द क्षेत्र में हो सकती है सिचाई

महासमुन्द:– महासमुन्द संसदीय क्षेत्र ही में निर्मित बहुउद्देशीय सिकासेर जलाशय से निरर्थक बह जाने वाले अतिरिक्त पानी को जिले के बागबाहरा और महासमुन्द क्षेत्र में नहर के माध्यम से लाये जाने के मुद्दे पर स्वस्र्फूत जागरूक किसानों ने कल 14 दिसम्बर को झलप क्षेत्र के क्रमशः ग्राम बरभांठा, कुल्हरिया और सरईपाली में बैठक आहूत किया था।
किसानों के बुलावें पर बैठकों में शामिल हुये उक्त अभियान के नेतृत्वकर्ता किसान नेता हितेश चन्द्राकर ने बैठकों में जुटे किसानों से विचार-विमर्श करते हुये परियोजना की विस्तृत जानकारी दी

किसान नेता हितेश चन्द्राकर ने कहा कि अन्नदाता किसानों की विपन्नता समाप्त करने के लिये सिकासेर से आने वाला पानी वरदान साबित होगा एवं हमेशा के लिए क्षेत्र को अकाल से मुक्ति और किसानों के साथ अन्य लोगों को भी इसका प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। दो फसली खेती के साथ सब्जी-भाजी उत्पादन में क्रांतिकारी प्रगति नजर आयेंगा जिससे समूचे समाज को  लाभ मिल सकेंगा।

संचालक सदस्य खेमराज बघेल, देवेन्द्र राय, कुलेश्वर दिवान, मोती साहू आदि ने सिकासेर जलाशय से बेकार बह जाने वाले पानी को महासमुन्द क्षेत्र में लाये जाने के अभियान को जोर देने सभी किसानों को जुटने का आव्हान किया और कहा कि आंदोलन में भागीदारी के लिये एक भी गांव का कोई भी किसान साथी छूट न पाये। इसका ध्यान रखा जाये। समय आने पर सभी साथियों की सहमति से जो भी योजना बनेगी या आंदोलनात्मक कदम उठाना जरूरी होगा। उस पर अमल किया जायेगा।

बैठक में मुख्य रूप से मनराखन आवड़े, चमार राय ध्रुव, बाबूलाल, कांशी कोसरिया, भूखन साहू, नंदू टंडन, गोवर्धन आवड़े, अर्जुन, रेखराम, प्रभाकर, राजाराम भास्कर, खेन्द्र कुमार, परदेशिया, मंगल आदि किसानगण उपस्थित थे।

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