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वित्‍तमंत्री ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत राहत पैकेज के दूसरे चरण की घोषणा की

वित्‍त मंत्री ने आज प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत नौ महत्‍वपूर्ण कदमों की घोषणा की

नई दिल्ली-वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड रुपये के आर्थिक पैकेज के सिलसिले में नौ महत्‍वपूर्ण कदमों की घोषणा की।

आज नई दिल्‍ली में आर्थिक पैकेज के बारे में दूसरे संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने बताया कि इन कदमों से प्रवासी मजदूरों, फेरी लगाने वालों, जनजातीय लोगों, छोटे व्‍यापारियों, छोटे किसानों और स्‍व-रोजगार में लगे लोगों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को राष्‍ट्र को संबोधित करते हुए इस पैकेज की घोषणा की थी और देशवासियों से स्‍वदेशी वस्‍तुओं को अपनाने का आह्वान करते हुए वोकल फॉर लोकल का नारा दिया था।

आर्थिक पैकेज का जिक्र करते हुए वित्‍त मंत्री ने कोविड-19 महामारी से उत्‍पन्‍न स्थिति से निपटने के लिए सरकार की ओर से तत्‍काल उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि तीन करोड छोटे किसानों को चार लाख करोड़ के कर्ज पर ब्‍याज के भुगतान में 31 मार्च तक की मोहलत दी गयी है।

इसके अलावा किसानों को फसली ऋणों के भुगतान में भी मोहलत दी गई है। जो किसान कर्जों की अदायगी करना चाहते हैं उन्‍हें प्रोत्‍साहन राशि देने का भी उन्‍होंने एलान किया। वित्तमंत्री सीतारामन ने कहा कि 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डों को मंजूरी दी गई है जिससे किसान 86 हजार छह सौ करोड रुपये के 63 लाख ऋण प्राप्‍त कर सकेंगे।

रेहड़ी-पटरील वाले दुकानदारों और फेरी लगाकर बिक्री करने वालों के लिए पांच हजार करोड रुपये की ऋण सुविधा की घोषणा की गई है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इससे रेहडी-पटरी वाले 50 लाख व्‍यापारियों को 10-10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी दी जाएगी।

जनजातीय लोगों के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम के जरिए रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था की गयी है। वित्त मंत्री सीतारामन ने कहा कि जनजातीय लोगों को वृक्षारोपण परियोजनाओं में रोजगार देने की छह हजार करोड रुपये की योजना पहले ही चल रही है।

सरकार ने ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि – आर आई डी एफ के तहत भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए राहत उपायों की घोषणा की है। इसके अलावा राष्‍ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक – नाबार्ड के माध्‍यम से पुनर्वित्‍त सुविधा की व्‍यवस्‍था की गई है।

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सरकार ने उन प्रवासी मजदूरों को प्रति व्‍यक्ति पांच किलोग्राम गेंहू या चावल और एक किलोग्राम चना प्रति व्‍यक्ति देने की घोषणा की, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इस कदम से अगले दो महीने के दौरान आठ करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूरों को लाभ होगा। वित्‍त मंत्री ने एक राष्‍ट्र, एक राशन कार्ड योजना का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इससे प्रवासी मजदूर देश में किसी भी स्‍थान पर राशन ले सकेंगे। इस योजना से 67 करोड़ लोगों को लाभ होगा

वित्‍त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए सरकार किफायती किराया आवास योजना की घोषणा की। शहरों में सरकार के धन से निर्मित आवासों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किफायती किराया आवास परिसर में बदला जाएगा। सरकार और निजी संस्‍थाओं को आवास क्षेत्र में किफायती किराया आवास विकसित करने के लिए 70 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इससे रोजगार के साथ-साथ इस्‍पात, सीमेंट, परिवहन और निर्माण संबंधी अन्‍य सामग्री की मांग पैदा होगी।

आवास क्षेत्र में मध्‍यम आयवर्ग के लिए वित्‍त मंत्री ने राहत योजना की घोषणा की है। छह से 18 लाख रुपये तक की कीमत वाले मध्‍यम आय-वर्ग के आवासों की क्रेडिट लिंक्‍ड सब्सिडी स्‍कीम के लिए 70 हजार करोड रुपये की व्‍यवस्‍था की गई है और इसे अगले साल 31 मार्च तक बढा दिया गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि इससे देश में इस्‍पात और सीमेंट जैसी भवन निर्माण सामग्री बनाने वाले उद्योगों को फायदा होगा और रोजगार के अवसर बढेंगे।

सरकार ने नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की आपात क्रियाशील पूंजी कोष बनाने की भी घोषणा की। यह किसानों के लिए पहले घोषित किए गए 90 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्‍त होगा। इसका उद्देश्‍य तीन करोड़ से ज्‍यादा किसानों को फायदा पहुंचाना है।

वित्‍त मंत्री ने ढाई करोड़ किसानों को मजबूती देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए दो लाख करोड़ रुपए की रियायत देने की भी घोषणा की। इस योजना में मछली पालकों और पशु पालको को भी शामिल किया जाएगा। इससे ढाई करोड़ लोगों को रियाय‍ती ब्‍याज दरों पर संस्‍थागत ऋण मिल सकेगा।

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वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड रुपये के आर्थिक पैकेज के सिलसिले में नौ महत्‍वपूर्ण कदमों की घोषणा की। आज नई दिल्‍ली में आर्थिक पैकेज के बारे में दूसरे संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने बताया कि सरकार ने नाबार्ड के जरिए किसानों के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की आपात क्रियाशील पूंजी कोष बनाने की भी घोषणा की। यह किसानों के लिए पहले घोषित किए गए 90 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्‍त होगा। इसका उद्देश्‍य तीन करोड़ से ज्‍यादा किसानों को फायदा पहुंचाना है।

वित्‍त मंत्री ने ढाई करोड़ किसानों को मजबूती देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए दो लाख करोड़ रुपए की रियायत देने की भी घोषणा की। इस योजना में मछली पालकों और पशु पालको को भी शामिल किया जाएगा। इससे ढाई करोड़ लोगों को रियाय‍ती ब्‍याज दरों पर संस्‍थागत ऋण मिल सकेगा।

आर्थिक पैकेज का जिक्र करते हुए वित्‍त मंत्री ने कोविड-19 महामारी से उत्‍पन्‍न स्थिति से निपटने के लिए सरकार की ओर से तत्‍काल उठाये गये कदमों का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि तीन करोड छोटे किसानों को चार लाख करोड़ के कर्ज पर ब्‍याज के भुगतान में 31 मार्च तक की मोहलत दी गयी है।

इसके अलावा किसानों को फसली ऋणों के भुगतान में भी मोहलत दी गई है। जो किसान कर्जों की अदायगी करना चाहते हैं उन्‍हें प्रोत्‍साहन राशि देने का भी उन्‍होंने एलान किया। वित्तमंत्री सीतारामन ने कहा कि 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डों को मंजूरी दी गई है जिससे किसान 86 हजार छह सौ करोड रुपये के 63 लाख ऋण प्राप्‍त कर सकेंगे।

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