काला धागा शरीर के किसी भी अंग पर बांधने से पहले इन बातों का रखें ख्याल –

कई सम्प्रदायों में पूजा-अर्चना के दौरान काले रंग के वस्त्रों या वस्तुओं को वर्जित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि काला रंग नकारात्मकता फैलाता है। काला धागा हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है और उसे बाहर नहीं निकलने देता। इसलिए लोग काले धागे का इस्तेमाल आज भी करते हैं।हिंदू धर्म में भी वैसे तो धार्मिक कार्यों के दौरान काले रंग या काले रंग के धागों का इस्तेमाल नहीं किया जाता लेकिन कुछ ख़ास कामों के लिए काले रंग को असरदायक माना जाता है। काले रंग की भले ही कुछ खामियां हों लेकिन इसमें विशेषताएं भी होती हैं

काले रंग के धागे को शरीर के अंगों पर बाँधने के कई फायदे होते हैं। काले धागे के प्रभाव से इंसान को बुरी नज़र भी नहीं लगती और इस धागे की वजह से आपको सफलता भी मिलती है। ध्यान बस इस बात का रखना चाहिए कि इसे पूरे विधि-विधान से पहना जाए।ज्योतिष ग्रंथों में भी काले धागे की अहमियत को लेकर बातें लिखी गयी हैं।काला धागा इंसान को बुरी शक्तियों से बचाता है

काले धागे को 2, 4, 6 या आठ के घेरे में बांधें।,जिस हाथ में काला धागा बंधा हो उस हाथ में किसी और रंग का धागा न बांधें जैसे-लाल या पीला।काले धागे को शनिवार के दिन बांधना अच्छा माना जाता है।काला रंग शनि ग्रह का प्रतीक है, इसलिए इसका गठबंधन कुंडली के अनुकूल ग्रहों की दशा या प्रतिकूल ग्रहों के दोष के निवारण के समय में ही करवाना चाहिए।

काले धागे पर नौ गांठें बांधने के बाद ही धारण करे काले धागे को मंत्रों के द्वारा सक्रिय करने के बाद शुभ मुहूर्त जैसे अभिजीत या ब्रह्म मुहूर्त में पहनना चाहिए। काले धागे को सक्रिय करने के लिए जो मंत्र पढ़ा जाएगा वो आपकी दशा और तत्कालीन गोचर के आधार पर होगा इसलिए अच्छा रहेगा कि आप किसी अच्छे ज्योतिषी से इसके लिए संपर्क करें।