रक्षा खरीद परिषद ने देश में रक्षा उपकरणों के निर्माण बढ़ावा देने के लिए पांच हजार करोड़ से अधिक मूल्य के उपकरण खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इन उपकरणों में सेना के लिए अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली भी शामिल हैं, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने डिजाइन किया है तथा भारतीय उद्योगों ने स्थानीय रूप से तैयार किया है।
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इन प्रणालियों को मरूस्थलों और मैदानी क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के विभिन्न पहलुओं और मैदान पर संचार व्यवस्था को चुस्त बनाने के लिए यह प्रणाली कारगर सिद्ध होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में कल रक्षा खरीद परिषद की बैठक हुई जिसमें सशस्त्र सेनाओं की आवश्यकता के उपकरणों की खरीद के कई प्रस्तावों पर विचार किया गया।
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एक ओर महत्वपूर्ण फैसले में रक्षा खरीद परिषद ने भारतीय रणनीतिक साझेदारों और मौलिक उपकरण बनाने वाले संभावित संगठनों की सूची तैयार करने को भी मंजूरी दी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत छह परम्परागत पनडुब्बियों को भारत में बनाने के लिए उपकरण निर्माता भारतीय रणनीतिक साझेदारों के साथ सहयोग करेंगे। यह कार्यक्रम रक्षा क्षेत्र के उपकरणों को भारत में ही बनाने के लिए 2017 में शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान का हिस्सा है।
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